सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (photo source- The Indian Express)
साल 2002 में गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य को क्लीनचिट देने को चुनौती देने के मामले में गुजरात पुलिस ने पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्हें मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में पेश करने के बाद आज अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। दोनों को आज मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट अहमदाबाद में पेश किया गया। इस पर अब सोशल मीडिया पर लोग तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
अशोक पंडित ने कसा तंज: बॉलीवुड फिल्ममेकर अशोक पंडित को सोशल मीडिया पर सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए पहचाना जाता है। अब उन्होंने मौजूदा हालात पर तंज कसते हुए प्रतिक्रिया दी है। पंडित ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि शुक्र है उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह गुजरात पुलिस की गाड़ी पलटती नहीं है।
लोगों ने दी प्रतिक्रियाएं: अशोक पंडित के इस ट्वीट पर यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सुरेश पांडे नाम के यूजर लिखते हैं, अभी गुजरात पुलिस को सीखने में वक्त लगेगा। राजेश शर्मा नाम के यूजर लिखते हैं, अगर ये गाड़ी पलटती तो बहुत सारी गाड़ी अंधेरे में गुम हो जाती । यही गाड़ी तो बहुत सारी गाड़ियों को रस्ते पर लायेगी । असली पर्दा तो अभी उठना बाकी है । महेश नाम के यूजर लिखते हैं, एक बात तो है जितने भी बड़े अपराधियों को पकड़ने में गुजरात पुलिस माहिर है। उतनी कोई नहीं है।
पिहू नाम की यूजर लिखती हैं, सर जी पलटने में कौन सा वक्त लगता है पलट भी सकती है। रितु नाम की यूजर लिखती हैं, पहले इससे राज तो बाहर आने चाहिए गाड़ी पलटने से सब बेकार हो जाता है। राम शर्मा लिखते हैं काश इनका बंगला यूपी में होता। प्रेमपाल लिखते हैं, यदि इनकी गाड़ी पलट जाएगी तो तमाम इनके शुभचिंतकों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी। अभी तो इनके पूरे गिरोह का भांडा फूटना वाकी है।
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़: तीस्ता सीतलवाड़ एक कथित भारतीय नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) नामक एनजीओ की सचिव हैं, जोकौन हैं तीस्ता सीतलवाड़: तीस्ता सीतलवाड़ एक कथित भारतीय नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) नामक एनजीओ की सचिव हैं, जो 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की वकालत करने के लिए बनाई गई एक संस्था है।
2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की वकालत करने के लिए बनाई गई एक संस्था है।
साल 2002 में गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य को क्लीनचिट देने को चुनौती देने के मामले में गुजरात पुलिस ने पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्हें मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में पेश करने के बाद आज अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। दोनों को आज मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट अहमदाबाद में पेश किया गया। इस पर अब सोशल मीडिया पर लोग तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
अशोक पंडित ने कसा तंज: बॉलीवुड फिल्ममेकर अशोक पंडित को सोशल मीडिया पर सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए पहचाना जाता है। अब उन्होंने मौजूदा हालात पर तंज कसते हुए प्रतिक्रिया दी है। पंडित ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि शुक्र है उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह गुजरात पुलिस की गाड़ी पलटती नहीं है।
लोगों ने दी प्रतिक्रियाएं: अशोक पंडित के इस ट्वीट पर यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सुरेश पांडे नाम के यूजर लिखते हैं, अभी गुजरात पुलिस को सीखने में वक्त लगेगा। राजेश शर्मा नाम के यूजर लिखते हैं, अगर ये गाड़ी पलटती तो बहुत सारी गाड़ी अंधेरे में गुम हो जाती । यही गाड़ी तो बहुत सारी गाड़ियों को रस्ते पर लायेगी । असली पर्दा तो अभी उठना बाकी है । महेश नाम के यूजर लिखते हैं, एक बात तो है जितने भी बड़े अपराधियों को पकड़ने में गुजरात पुलिस माहिर है। उतनी कोई नहीं है।
पिहू नाम की यूजर लिखती हैं, सर जी पलटने में कौन सा वक्त लगता है पलट भी सकती है। रितु नाम की यूजर लिखती हैं, पहले इससे राज तो बाहर आने चाहिए गाड़ी पलटने से सब बेकार हो जाता है। राम शर्मा लिखते हैं काश इनका बंगला यूपी में होता। प्रेमपाल लिखते हैं, यदि इनकी गाड़ी पलट जाएगी तो तमाम इनके शुभचिंतकों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी। अभी तो इनके पूरे गिरोह का भांडा फूटना वाकी है।
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़: तीस्ता सीतलवाड़ एक कथित भारतीय नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) नामक एनजीओ की सचिव हैं, जोकौन हैं तीस्ता सीतलवाड़: तीस्ता सीतलवाड़ एक कथित भारतीय नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) नामक एनजीओ की सचिव हैं, जो 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की वकालत करने के लिए बनाई गई एक संस्था है।
2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की वकालत करने के लिए बनाई गई एक संस्था है।
0 टिप्पणियाँ
Post acchi lagi ho to share karen...