आज हम आपको मानव के एक ऐसे अंग की बात करने वाले है जो दिन (उजाले) में छोटा होता और रात (अंधेरे) में बड़ा हो जाता है, तो चलिए जानते है कौनसा है वो अंग.
बतादें की वो आँख की किकी (रेटिना) है जो दिन के प्रकाश में छोटी होती है और रात को जब प्रकाश की कमी महसूस होती है तो तब वो फोकस करने के लिए बड़ी हो जाती है.
यदि आप इस सवाल को गलत तरह से सोचते है तो आप अपनी विचारधारा बदले और सवाल शान्ति से पढ़े, मानव अंग कहा है, पुरुषों का अंग नही, क्योकि मानव अंग है तो वो स्त्री और पुरुष में होता है न कि अकेले पुरूष में.
और ऐसे काम करने वाला मानव अंग एक ही है जो इतनी जल्दी छोटा बड़ा हो सकता है.
दोस्तों अगर आप ने गौर किया होगा कि आप की आँखों को ढलते दिन में ज्यादा तकलीफ होती है क्योंकि अगले 10-12 घंटे से आँख प्रकाश में देखने के लिए सेट हुई होती है और जैसे रात होती है तो वह वैसे सेट होती है पर जो दिन ढलने का समय होता है उस वक्त न ज्यादा न कम प्रकाश होता है इस लिए उस वक्त ज्यादा तकलीफ होती है!
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